किसी के बाप की नहीं है यह धरती....!!
किसी के बाप की नहीं है यह धरती....!! दोस्तों धरती पर रह रहे तमाम लोगों के बारे में यह बात सुस्पष्ट रूप से कही जा सकती है की धरती पर के सारे लोग अंततः धरती का भला चाहते हैं,और तकरीबन...
View Articleअब अगर जो वो रास्ते में आ जाए !!
य काफिया और रदीफ़ तो हटा दे जाहिद ,ज़रा मेरे हर्फ़ ग़ज़ल में समां जायें !!जिंदगी का हर लम्हा ही एक मकता है ,हर शै के बाद दूसरी शै ही आ जाए !!मुश्किलों ने हमसे कर ली है अब तौबा, अब अगर जो वो रास्ते में...
View Articleक्या देखे यही सपने?
एक प्रश्न करती हैमुझसे मेरी आत्माक्या ऐसे ही जीवन कीकी थी तुमने कल्पना?सोच में पड़ गयीसमझ न पाईन जानाबचपन में खेलेपढ़ेऔर देखे सपनेपर क्या हुए वे अपने?बड़े हुए फिर चाहा और बड़े बन जानापर सच्चे पथ से...
View Articleचार सौ का आंकड़ा छूने की बधाई -- सुझाव आमंत्रित हैं
शब्दकार आप सभी सदस्यों की मेहनत और सहयोग से निरन्तर आगे बढ़ रहा है। राजीवजीकीइसपोस्टकेसाथहीशब्दकारनेअपनीचारसौवींपोस्टकोछूलियाहै।यह सदस्यों की लगातार बनी रहने वाली सक्रियता का सूचक...
View Articleजय भारत....जय हिन्दुस्तान....
जय भारत....जय हिन्दुस्तान....ये जीत भारत के जज्बे की है...अनुशासन की है....और टीम भावना की है.....इस जीत का सबक यह है कि अगर भारत अन्य क्षेत्रों में भी यही टीम भावना-अनुशासन और जज्बे से काम करे तो वह...
View Articleहारी लंका , बजा क्रिकेट में भारत का डंका
हारगयीवर्ल्डकपमेंलंका ,बजाक्रिकेटमेंभारतकाडंका। मैचफायनल, थाक्याहाल ? अंतिमक्षणतकमनबेहाल। सबकारहाधड़कतादिल ,जबतकजीतगयीनहींमिल। सबनेअच्छीक्रिकेटखेली ,सबकीअपनी-अपनीशैली। पलड़ाकभी,...
View Articleतारों भरा आकाश
संध्या कहाँ हो तुम ? उषा ने अपनी छोटी बहन को ऊपर छत से आवाज लगाई तो सीढियां चढ़ती हुई संध्या तेजी से वहीँ आ पहुची । ''''क्या है दीदी?'' ''अरे देख तो आकाश में आज कितने तारे चमक रहें !'' ।दीदी के चेहरे...
View Articleउठ रही है आग आज मिरे सीने में !!
उठ रही है आग आज मिरे सीने में कि चढ़ रहा है कोई दिल के जीने में !!धूप है कि सर पे चढ़ती जा रही हैऔर निखार आ रहा मिरे पसीने में !!अब यहीं पर होगा सभी का फैसला कोर्ट सड़क पर बैठ चुकी है करीने में !!आओ कि...
View Articleउचित निर्णय युक्त बनाना
जो बनते हैं सबके अपने,निशदिन दिखाते हैं नए सपने,ऊपर-ऊपर प्रेम दिखाते,भीतर सबका चैन चुराते,ये लोगों को हरदम लूटते रहते हैं,तब भी उनके प्रिय बने रहते हैं.ये करते हैं झूठे वादे,भले नहीं इनके इरादे,ये जीवन...
View Articleएक ब्लॉग से लौट कर बिना किसी क्षमायाचना के......!!
एक ब्लॉग से लौट कर बिना किसी क्षमायाचना के......प्रश्न :मुस्लिम ब्लोगर यह बताएं क्या यह पोस्ट हिन्दुओ के भावनाओ पर कुठाराघात नहीं करती.सन्दर्भ :http://blostnews.blogspot.com/ हरीश...
View Articleसत्य साईं बाबा - अध्यात्मिक जगत के एक स्तम्भ
पुटपर्थीकेसत्यसाईबाबाइसनश्वरसंसारकोत्यागकरपरलोकसिधारगये। उन्हेंशिर्डीकेसाईंबाबाकाअवतारमानाजाताथा। उनकाजीवनबड़ारहस्यमयतथाविवादोंसेघिरारहा। परउनकेचमत्कारोंकीगाथासदैवहीबड़ीरोचकरही।...
View Articleदिव्या गुप्ता जैन की काव्य रचना
हर मील के पत्थर पे इबारत ये लिखा दो ,नापाक इरादों को कभी मंजिल नहीं मिलतीखुदा के नाम पर कत्ले आम करने वालों को,जन्नत तो क्या, दो गज जमीन भी नहीं मिलती,ताउम्र वो करते रहे अपनी कौम को बदनाम,फिर अपनी कौम...
View Articleकोई हक़ नहीं -लघु कथा
कोई हक़ नहीं -लघु कथा सोनाक्षी क्या कहती हो -विवाह बेहतर है या लिव इन रिलेशनशिप ? सिद्धांत के बेधड़क पूछे गए सवाल से सोनाक्षी आवाक रह गयी उसने प्रिया की और इशारा करते हुए कहा -''प्रिया से ही क्यों नहीं...
View Articleअशोक जी की कविता -- बेटियाँ
ओस की बूंदों सी होती हैं बेटियाँ !खुरदरा हो स्पर्श तो रोती हैं बेटियाँ !!रौशन करेगा बेटा बस एक ही वंश को !दो - दो कुलों की लाज ढोतीं हैं बेटियाँ !!कोई नहीं है दोस्तों एक दुसरे से कम !हीरा अगर है बेटा...
View Articleतुम सिर्फ़ एक अहसास हो ........!!
तुम सिर्फ़ एक अहसास हो ........अगर तुम्हें पाना इक ख्वाब है !!तुम्हारी चूडियों की खनक ,अगर मेरी जंजीरें हैं....,तो भी उन्हें तोड़ना फिजूल है !!अहसास का तो कोई अंत नहीं होता ,अगरचे ख्वाहिशों का ,कोई...
View Articleमीटिंग -लघु कथा
रजत ...आई कॉंट वेट एनी मोर !'' यह कहकर सोनाक्षी ने मोबाईल को स्विच ऑफ कर सोफे पर फेंक दिया .दोपहर से इन्तजार करते-करते अब रात के नौ बजने वाले थे और रजत घर नहीं लौटा था .रजत ने ही मूवी देखने का...
View Articleमाँ को शीश नवाना है.
होगा जब भगवान् से मिलना हमें यही तब कहना है,नमन तुम्हे करने से पहले माँ को शीश नवाना है.माँ ने ही सिखलाया हमको प्रभु को हर पल याद करो,मानव जीवन दिया है तुमको इसका धन्यवाद् करो.माँ से ही जाना है हमने...
View Articleलघुकथा
दुविधा /सुधा भार्गव एक परी थी। जैसे -जैसे यौवन की दहलीज पर कदम बढ़े उसकी सुन्दरता बढ़ती गई। रंग -बिरंगे पंख निकल आये। जिन पर सवार हो वह कल्पना जगत की सैर करना ज्यादा पसंद करती।बाहर आने में जरा सी भी...
View Articleलघुकथा
गुलाम /सुधा भार्गवमेरे आते ही तुम सितार वादन लेकर बैठ जाती हो। सुबह का गया शाम को घर आता हूँ । पीछे से इसके लिए समय नहीं मिलता क्या !...
View Articleशोभा रस्तोगी 'शोभा' की दो लघुकथाएं
लघुकथा-१सबसे सुखीप्रश्न था - 'सबसे सुखी कौन है?''मै'- मेरे पास बैंक बेलेंस है 'घर है ,हर सुविधा है '- एक बोला। 'मै भी , ऊंची पोस्ट व धन के साथ कर भी है'-दूसरे का उत्तर था।'मै' - एक अन्य व्यक्ति ने कहा...
View Articleखुदा करे कि वो इन जैसे लोगों को कभी माफ़ ना करे....!!
एक बार फिर चारों तरफ बरसात का आलम है.....कुछ लोगों के लिए बेशक यह रोमांचक शमां हो सकता है,किन्तु झारखंड नाम के एक राज्य में यह मौसम इस वक्त एक लोमहर्षक-दर्दनाक-विकराल और दिल को दहला देने...
View Articleबापू !! बोल क्या करना है ???
बापू !!हमारी भैंस बगल वाले का खेत चर आई,बोल क्या करना है ?अबे करना क्या है,डंडा लेकर बगल वाले पर पिल जा,मार डंडा उसके चूतड पर !!बापू !!तुम्हारे पोते ने सामने वाले की खिड़की का शीशा फोड़ दिया है,क्या...
View Articleमाँ जो चाहे तुमसे प्यारे वही काम तुम करना.
जीवन में गर चाहो बढ़ना,माँ की पूजा करना.माँ जो चाहे तुमसे प्यारे,वही काम तुम करना.माँ के आशीर्वाद को पाकर,जब तुम कहीं भी जाओगे.मनमाफिक हो काम तुम्हारा,खुशियाँ सारी पाओगे.कोई काम करने से पहले माँ का कहा...
View Articleशब्दकार ब्लॉग बंद कर दिया गया है --- जानकारी
पिछले कुछ माह की शब्दकार की गतिविधियों के बाद और अभी तक के अपने प्रयास के बाद ऐसा लगने लगा था कि जैसा सोचकर इस ब्लॉग की शुरूआत की गई थी हम उस उद्देश्य में सफल नहीं हो सके। 1 मार्च 2009 से प्रारम्भ हुए...
View Article"भइया अपने गाँव में" -- (बुन्देली काव्य-संग्रह) -- पं० बाबूलाल द्विवेदी
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